Biological Therapy

जैविक चिकित्‍सा

कैंसर में जैविक चिकित्सा क्या है?


जैविक चिकित्सा दवाओं का उपयोग है जो कैंसर कोशिका के विशिष्ट क्षेत्रों और उसके परिवेश को लक्षित करती हैं. पिछले 15 वर्षों में, कैंसर के उपचार में जैविक एजेंटों के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. जैविक चिकित्सा में एंजियोजेनेसिस निरोधक, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, इम्यूनोथेरेपी, जीन थेरेपी, वैक्सीन थेरेपी, साइटोकाइन थेरेपी और लक्षित दवा चिकित्सा सहित कई उपचार शामिल हैं.

जैविक चिकित्सा को मोटे तौर पर दो समूहों “निब” और “मैब” में विभाजित किया जा सकता है:

“निब” कर्मक (एजेंट) हैं जो कैंसर कोशिका मार्ग में विशिष्ट ग्राहियों (रिसेप्टर्स) को लक्षित करते हैं और कैंसर कोशिकाओं को विभाजित होने और बढ़ने से रोकते हैं. आम तौर पर कैंसर विशिष्ट मार्गों का उपयोग करके बढ़ता और विकसित होता है. ये मार्ग शरीर में सामान्य कोशिकाओं के विकास में भी मौजूद हैं, लेकिन कुछ कैंसर इन मार्गों को बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं का विकास करते हैं जिससे वे तेजी से विकसित हो सकते हैं. इन दवाओं के नाम “नीब” के साथ समाप्त होते हैं. उदाहरण के तौर पर सुनिटिनिब, सोराफेनिब, एर्लोटिनिब आदि शामिल हैं;

“मैब” औषधियों के प्रकार हैं जो कैंसर कोशिका या इसके मार्गों में फिर से विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित करते हैं. मैब इन क्षेत्रों में विशिष्ट लक्ष्यों के विरुद्ध विकसित प्रतिपिंड (एंटीबॉडी) हैं. कैंसर मार्गों के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के मैब काम कर रहे हैं. इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ सामान्य मैबों में रिटुक्सींमैब, बेवासीज़ुमैब, ट्रास्टुज़ुमैब (Rituximab, Bevacizumab, Trastuzumab) आदि शामिल हैं.

नीचे दिया गया चित्र कोशिका में मौजूद कुछ रास्तों को दर्शाता है जो कि कैंसर और सामान्य कोशिकाएं आकार में वृद्धि और संख्या में वृद्धि के लिए उपयोग करते हैं. जैविक दवाएं मार्ग में विशिष्ट क्षेत्रों पर कार्य करती हैं और इसे अवरुद्ध करती हैं.

अन्‍य

कैंसर के मार्ग के विभिन्न हिस्सों पर काम करने वाले अन्य जैविक एजेंटों में “मिब” शामिल हैं, उदाहरण के लिए मायलोमा (Myeloma) में इस्तेमाल किए गए बोर्टेज़ोमिब और कारफिलज़ोमिब.

क्या कीमोथेरेपी की तुलना में जैविक उपचार कम अनुषंगी प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) पैदा करते हैं?

कुल मिलाकर जैविक उपचार कीमोथेरेपी की तुलना में कम अनुषंगी प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) पैदा करते हैं क्योंकि वे कोशिका में विशिष्ट लक्ष्यों पर कार्य करते हैं. हालांकि, उनके अनुषंगी प्रभाव होते हैं और उनमें से कुछ के गंभीर अनुषंगी प्रभाव हो सकते हैं. तो, यह मान लेना सुरक्षित नहीं है कि ये दवाएं विषाक्त नहीं हैं. इन दवाओं पर मरीजों को वैसी ही देखभाल और ध्यान दिया जाना चाहिए जैसा कि कीमोथेरेपी पर दिया जाता है.

क्या कीमोथेरेपी के बजाय जैविक चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है?

कुछ स्थितियों में, कीमोथेरेपी और एक जैविक एजेंट के बीच एक विकल्प है. अन्‍य स्‍थितियों में, दोनों उपचारों का उपयोग करने का लाभ है. अत:, किस उपचार का उपयोग करना है यह कैंसर के प्रकार, उसके स्‍टेज, कैंसर कोशिका में कुछ आनुवंशिक परिवर्तनों की उपस्थिति, उपचार की लागत और मरीज की फिटनेस पर निर्भर करता है;

क्या कीमोथेरेपी की तुलना में जैविक चिकित्सा अधिक महंगी हैं?

जैविक चिकित्सा की लागत इस्तेमाल की गई दवा और उस देश के आधार पर भिन्‍न- भिन्न होती है जिसमें इसका उपयोग किया जाता है. कुछ जैविक दवाएं महंगी नहीं हैं, लेकिन कुछ दवाएं बहुत महंगी हो सकती हैं. कुल मिलाकर औसतन जैविक चिकित्सा कीमोथेरेपी की तुलना में अधिक महंगी हो सकती है.

जैविक एजेंट कैसे दिए जाते हैं?

जैविक एजेंट टैबलेट (गोली) और इंजेक्शन रूपों में मौजूद हैं. इंजेक्शन के रूप में वे नसों के माध्यम से या त्वचा के नीचे दिए जाते हैं. टैबलेट वाले रूप को मुंह से लिये जाते हैं.

उन्हें कितनी बार दिया जाता है?

कुछ औषधियां विशेष रूप से गोलियां दैनिक आधार पर दी जाती हैं. अन्‍य औषधियां / दवाइयां हर सप्‍ताह से प्रत्‍येक 3-4 सप्ताह में एक बार दी जाती हैं.