कैंसर और कोविड-19 संक्रमण
क्या कोविड-19 या नोवेल कोरोनावायरस कैंसर के मरीजों में और अधिक सामान्य बात है?
चीन, इटली और स्पेन में हुए अध्ययनों के आधार पर, कैंसर के मरीजों में कोविड-19 होने का जोखिम बढ़ जाता है। कुल मिलाकर, सामान्य जनसंख्या के 1% से कम की तुलना में लगभग 1-4% कैंसर मरीजों में कोविड-19 हो सकता है। इसमें मरीज की भौगोलिक स्थिति तथा मरीजों और अस्पतालों द्वारा किए गए सुरक्षा उपायों जैसे स्थानीय कारकों के आधार पर बदलाव हो सकता है।
कैंसर मरीजों में कोविड-19 के लक्षण क्या हैं?
गैर-कैंसर मरीजों की ही तरह, कैंसर मरीजों में भी कोविड-19 के लक्षण समान हैं और इनमें बुखार, ठंड लगना, सूखी खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, सांस फूलना और गंध और स्वाद महसूस ना होना शामिल हैं।
ऐसे कारक जो गंभीर कोविड-19 के जोखिम को बढ़ाते हैं, उनमें वृद्ध लोग एवं ऐसे लोग शामिल हैं, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग, कैंसर, मोटापा रोग से ग्रसित हैं। अगर इनमें से कई समस्याएं हैं, तो जोखिम और भी बढ़ सकता है।
कोविड-19 के लिए कैंसर मरीजों का परीक्षण कब किया जाना चाहिए?
ऐसे कैंसर मरीज, जिनमें उपरोक्त लक्षण हैं, उन्हें कोविड-19 संक्रमण का टेस्ट करवाना चाहिए। उसी समय, उनमें यह भी जाँच की जानी चाहिए कि क्या लक्षण कैंसर के कारण ही हो रहे हैं। कुछ डॉक्टर ऑपरेशन या फिर किसी उपचार को शुरू करने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए सभी कैंसर मरीजों का टेस्ट करवाना चाहेंगे, जिनसे कि प्रतिरक्षा प्रणाली दब सकती है।
कोविड-19 से किस प्रकार के कैंसर का खतरा अधिक है?
कोविड-19 के साथ एक गंभीर बीमारी का खतरा कुछ प्रकार के कैंसर जैसे फेफड़ों के कैंसर और ब्लड कैंसर के साथ बढ़ जाता है। वृद्ध व्यक्तियों में इसका सबसे अधिक खतरा होता है तथा साथ ही उनमें भी, जो उपरोक्त बताए गए रोगों से पीड़ित हैं।
क्या कोविड-19 में कीमोथेरेपी या अन्य थेरेपी लेना खतरनाक होता है?
कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या अन्य थेरेपी से होनेवाले गंभीर दुष्प्रभावों का जोखिम कोविड-19 संक्रमण के 4 सप्ताह के भीतर दिए जाने पर नहीं बढ़ता है।
इसलिए, डॉक्टर जोखिम के लिए इन उपचारों के संबंध में निर्णय कैंसर को नियंत्रित करनेवाले गुणों के आधार पर करते हैं और इसे संतुलित करते हैं।
कोविड-19 संक्रमण होने के जोखिम को कम करने के लिए, एक कैंसर मरीज को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
बरती जाने वाली सावधानियां सबके लिए एक जैसी हैं। इनमें लगातार हाथ धोना और साफ करना, फेस मास्क पहनना या चेहरे को ढंक कर रखना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और भारी भीड़ से बचना शामिल हैं।
कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित कैंसर मरीज का इलाज अलग कैसे है?
आमतौर पर, बिना कैंसर वाले मरीजों की तुलना में कोविड-19 वाले कैंसर मरीजों में उपचार के विकल्प समान ही होंगे। हालांकि, ऐसे मरीज जिनका उपचार चल रहा है, उनमें किमोथेरेपी या अन्य उपचारों को रोक देना चाहिए, जब तक कि सभी कोविड-19 लक्षण ठीक नहीं हो जाते, क्योंकि इनसे प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित यानी कमजोर होती है।
कोविड-19 संक्रमण के बाद कैंसर का इलाज कब दोबारा शुरू किया जा सकता है?
अधिकांश दिशानिर्देशों में यह सलाह दी जाती है कि यदि बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटे बीत चुके हैं और बुखार को नियंत्रित करने के लिए मरीज कोई दवा नहीं ले रहा है, तो उपचार को फिर से शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि अन्य लक्षण जैसे खांसी आदि मौजूद हैं, तो उन्हें कम किया जाना चाहिए। यदि किसी मरीज में कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया, तो पॉजिटिव टेस्ट के 20 दिन बाद इलाज शुरू किया जा सकता है। कैंसर उपचार एक दूसरे से अलग हैं और प्रस्तावित उपचार के जोखिम और लाभों का मूल्यांकन डॉक्टर द्वारा किया जाएगा।
मुझे लगता है कि मुझे कैंसर हो सकता है, लेकिन मैं जांच के लिए अस्पताल जाने से डरता हूँ। क्या मैं कुछ समय बाद टेस्ट/जांच करा सकता हूँ?
अगर आपको लगता है कि आपको कैंसर है, तो देरी न करते हुए, तुरंत टेस्ट करवाना सबसे बेहतर होगा। यदि अस्पताल जाने में खतरा है, तो डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन करके, अपनी बातें बताकर निर्णय लिया जा सकता है कि कौन-सा टेस्ट किया जाना चाहिए। कैंसर के लिए निदान और उपचार में देरी करने से कैंसर को बढ़ने और फैलने में समय मिलता है।