Radiotherapy

रेडियोथेरेपी : अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

रेडियोथेरेपी क्या है?

रेडियोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दी जाने वाली उच्च ऊर्जा एक्स-रे का उपयोग है. ये एक्स-रे कैंसर कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और इस तरह उन्हें मार देते हैं. रेडियोथेरेपी एक स्थानीय उपचार है और इसका प्रभाव उस क्षेत्र पर पड़ता है जहॉं इसे दिया जाता है. रेडियोथेरेपी विभिन्न प्रकार की होती है. रेडियोथेरेपी के मानक रूप को एक मशीन के माध्यम से वितरित किया जाता है जिसे रैखिक त्वरक कहा जाता है जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है. इस प्रकार की मशीन दो प्रकार की किरणों का वितरण करती है. एक उच्च ऊर्जा एक्स-रे है जिसे फोटॉन कहा जाता है और दूसरा इलेक्ट्रॉन है. कोबाल्ट-60 मशीन एक अन्य प्रकार की रेडियोथेरेपी मशीन है जो गामा किरणों का वितरण करती है. ये मशीनें अब उतनी आम नहीं हैं. प्रोटॉन थेरेपी मशीन भी एक रेडियोथेरेपी मशीन है, लेकिन प्रोटॉन का वितरण करती है जिनका कैंसर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है. इन सभी को बाह्य किरण रेडियोथेरेपी कहा जाता है.

ब्रैकीथेरेपी रेडियोथेरेपी का एक अन्‍य रूप है जहां रेडियोधर्मी स्रोतों को शरीर की कैविटी में या कैंसर में डाला जाता है. ये रेडियोधर्मी स्रोत जैसे कि आयोडीन 125 (I125), सीज़ियम 137, इरिडियम या अन्य बीज, पिन, तार आदि के रूप में उपलब्ध हैं और इनका उपयोग सन्‍निवेशन (प्रविष्टि) के लिए किया जाता है.

रेडियोथेरेपी अंशों (fractions) में दी जाती है. एक अंश एक रेडियोथेरेपी उपचार है और कुछ मिनटों तक रह सकता है. आमतौर पर, ये अंश सप्ताह में 5 दिनों के लिए दिन में एक बार दिए जाते हैं. कभी-कभी दिन में दो अंश दिए जा सकते हैं. रेडियोथेरेपी के एक कोर्स में कई अंश हो सकते हैं, कुछ कोर्स सात सप्ताह तक चलते है.

रेडियोथेरेपी कैसे काम करती है?

एक मानक रेडियोथेरेपी मशीन (रैखिक त्वरक) से उत्पन्न उच्च ऊर्जा एक्स-किरणें इन कोशिकाओं में डीएनए को नुकसान पहुंचाकर कैंसर कोशिकाओं को मारती है. रेडियोथेरेपी द्वारा शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाया जा सकता है लेकिन कैंसर कोशिकाओं की तुलना में इसे ठीक करने और पुन: उपलब्‍ध करने की बेहतर क्षमता रखती हैं. रेडियोथेरेपी से सामान्य कोशिकाओं को क्षति रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभाव का कारण बनती है.

रेडियोथेरेपी के प्रकार क्या हैं?

रेडियोथेरेपी (बाह्य किरणपुंज) आवश्‍यकता और साथ ही उपलब्‍ध मशीन और प्रौद्योगिकी के आधार पर कई तरीकों से दी जा सकती है. कुछ तकनीकें कैंसर का इलाज करने में अन्‍य तकनीकों से बेहतर हैं और उनके दुष्प्रभाव भी कम होते हैं. इनकी चर्चा संक्षेप में नीचे की गई है.

3D अनुकोण (conformal) रेडियोथेरेपी

यह रेडियोथेरेपी की योजना बनाने और देने का एक तरीका है, जहां सीटी, एमआरआई स्कैन का उपयोग कैंसर की त्रि-आयामी छवि प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इससे नियोजन प्रक्रिया को तीन आयामों में बनाया जा सकता है.
इससे मानक 2D रेडियोथेरेपी की तुलना में विकिरण उपचार को अधिक सटीक होता है. 3D अनुकोण रेडियोथेरेपी आमतौर पर इन दिनों उपचार का न्यूनतम मानक है.

तीव्रता आपरिवर्तित रेडियोथेरेपी (IMRT)

आईएमआरटी एक प्रकार की 3D अनुकोण उपचार योजना और वितरण विधि है, जहां विकिरण किरणपुंजों को ट्यूमर के आकार में फिट बैठने के लिए सटीक रूप में आकार दिया जा सकता है. यह शरीर में आसपास की सामान्य संरचनाओं पर पड़ने वाले अनुषंगी प्रभावों को कम करने में मदद करता है. आईएमआरटी और 3D अनुकोण रेडियोथेरेपी के बीच अंतर यह है कि आईएमआरटी दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) को कम करते हुए कैंसर को अधिक सटीक रूप से लक्षित कर सकता है. इसके अलावा, आईएमआरटी के साथ, एक ही ट्यूमर के विभिन्न भागों में रेडियोथेरेपी की विभिन्न खुराक (डोज) देने की संभावना है. आईएमआरटी विभिन्न कोणों से ट्यूमर पर निर्देशित कई विकिरण किरणपुंजों का उपयोग करके किया जाता है.

आर्क आधारित उपचार

आर्क आधारित थेरेपी (रैपिड आर्क, वीमैट) रेडियोथेरेपी का वितरण है जिसमें रैखिक त्वरक एक चाप (आर्क) जैसी शैली में मरीज के चारों ओर घूमता है. इस प्रकार की थेरेपी भी आईएमआरटी है लेकिन कुछ स्थितियों में मानक आईएमआरटी की तुलना में अधिक सटीक हो सकती है. आर्क आधारित थेरेपी मानक आईएमआरटी की तुलना में बहुत जल्दी दी जाती है और इसलिए मरीज के लिए प्रत्येक दिन उपचार की अवधि बहुत कम होती है.

स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी (SBRT) या स्टीरियोटैक्टिक एब्लेटिव रेडियोथेरेपी (SABR)

यह रेडियोथेरेपी की एक नई तकनीक है जिसका उपयोग प्रारंभिक चरण के फेफड़ों के कैंसर और यकृत, प्रोस्टेट, अग्न्याशय और अन्य कैंसरों के इलाज के लिए किया जा रहा है. इसका उपयोग रीढ़ या अन्य क्षेत्रों में हुए कैंसर के उपचार के लिए भी किया जा रहा है. उपचार में बहुत उन्नत विकिरण नियोजन उपकरणों और रेडियोथेरेपी मशीनों का उपयोग शामिल है. परिणामत:, रेडियोथेरेपी डिलीवरी अत्‍यधिक सटीक हो सकती है जो ऑन्कोलॉजिस्ट को ट्यूमर को विकिरण की बहुत अधिक खुराक देने में सक्षम बनाता है और साथ ही आसपास के सामान्य अंगों को अनुषंगी प्रभावों (साइड इफेक्ट्स) को कम करता है. उदाहरण के लिए एसबीआरटी के माध्‍यम से फेफड़ों के कैंसर में उपचार की अवधि मानक रेडियोथेरेपी के लिए 6 से 7 सप्ताह की तुलना में एक से दो सप्ताह तक बहुत कम हो सकती है.

छवि निर्देशित रेडियोथेरेपी )IGRT)

छवि निर्देशित रेडियोथेरेपी उपचार की सटीकता की निगरानी के लिए एक्‍स-रे अथवा सीटी स्‍कैनर जैसे इमेजिंग सिस्‍टमों का उपयोग है. सामान्‍यतया मानक 3D अनुकोण रेडियोथेरेपी में, योजना बनाने के उद्देश्यों से उपचार शुरू करने से पहले एक सीटी स्कैन किया जाता है. उपचार के दौरान, उपचार की सटीकता का सत्‍यापन अभी और फिर से किए जाने वाले मेगावोल्टेज एक्‍स–रे से किया जाता है. आईजीआरटी में, उपचार की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक रेडियोथेरेपी उपचार से पहले एक सीटी स्कैन या किलोवोल्टेज एक्‍स-रे किया जा सकता है. अत्‍यधिक सटीक होने के कारण उपचार के दुष्प्रभाव बहुत कम होते हैं, लक्ष्य चूकता नहीं है और कैंसर को मारने के लिए रेडियोथेरेपी की उच्च खुराक दी जा सकती है.

टोमोथेरेपी

टोमोथेरेपी बाह्य किरणपुंज रेडियोथेरेपी है जिसे टोमोथेरेपी नामक एक विशिष्ट प्रकार की मशीन से दिया जाता है. यह आधुनिक उन्नत रैखिक त्वरक के लिए बहुत अलग नहीं है. टॉमोथेरेपी मशीन आईएमआरटी और आईजीआरटी उपचार करने में सक्षम है.

साइबरनाइफ

साइबरनाइफ मशीन एक रैखिक त्वरक की तरह एक बाह्य किरणपुंज रेडियोथेरेपी मशीन है. इस मशीन में एक्‍स-रे निगरानी का उपयोग करते हुए मरीज की तात्‍कालिक ट्रैकिंग करने की क्षमता होती है. इस प्रकार की ट्रैकिंग साइबरनाइफ को कुछ कैंसरों की बहुत सटीकता से इलाज करने में सक्षम बनाता है. तात्‍कालिक ट्रैकिंग विकल्‍प अन्‍य प्रकार के रैखिक त्‍वरकों पर भी उपलब्‍ध हैं. उन्नत रैखिक त्वरकों के विपरीत साइबरनाइफ में सीटी आधारित छवि निर्देशन नहीं होता है. हालांकि, एक्‍स-रे आधारित छवि निर्देशन काफी उन्‍नत है और इसलिए इसका उपयोग मस्‍तिष्‍क, रीढ़ तथा रीढ़ के आस-पास के कैंसरों के उपचार के लिए किया जाता है, जहां एक्‍स-रे हड्डियों की सटीक छवि निकाल सकते हैं. साइबरनाइफ उपचार के अंश में अच्‍छे रैखिक त्‍वरक की तुलना में सामान्‍यतया अधिक समय लगता है

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (SRS)

यह रेडियोथेरेपी की उच्च खुराक (डोज) का उपयोग करके कैंसर के छोटे क्षेत्रों का बहुत ही सटीक तरीके से इलाज करने के लिए उच्च ऊर्जा एक्स-रे (रैखिक त्वरक, साइबरनाइफ, टोमोथेरेपी) या गामा किरणों (गामा नाइफ मशीन) का उपयोग करके रेडियोथेरेपी का एक प्रकार है. यह तकनीक कुछ प्रकार के कैंसर का इलाज बहुत अच्छी तरह से और थोड़े समय में करती है. रेडियोथेरेपी के एकल अंश का उपयोग करके उपचार किया जाता है. इस एकल अंश की अवधि कुछ मिनटों से लेकर एक घंटे से अधिक हो सकती है. इस पद्धति से सभी कैंसरों का इलाज नहीं किया जा सकता है.

प्रोटॉन थेरेपी

प्रोटॉन थेरेपी बाह्य किरणपुंज रेडियोथेरेपी का एक अन्‍य रूप है. प्रोटॉन थेरेपी में रैखिक त्वरक में फोटॉन के बजाय प्रोटोन का उपयोग होता है. प्रोटॉन किरणपुंज के भौतिक गुण इलेक्ट्रॉन या फोटॉन किरणपुंजों से भिन्न होते हैं. यह प्रोटॉन किरणपुंजों को कुछेक कैंसरों को सटीक रूप से लक्षित करने में सक्षम बनाता है जिन तक अनुषंगी प्रभावों के बिना पहुंचना मुश्किल है. ये आमतौर पर आंख के पीछे ट्यूमर होते हैं, जो बच्चों में रीढ़ के पास कैंसर होते हैं. अन्य कैंसरों के लिए, मानक रेडियोथेरेपी की तुलना में प्रोटॉन थेरेपी का लाभ कम होता है.

रेडियोथेरेपी के लिए उपयोग की जाने वाली अन्य शब्दावलियां क्या हैं?

उपचारात्‍मक रेडियोथेरेपी

यहां रेडियोथेरेपी सभी कैंसर कोशिकाओं को मारने और कैंसर को ठीक करने के उद्देश्य से दी जाती है. कैंसर का इलाज करने का मतलब है कि कैंसर कभी वापस नहीं आएगा.

उपशामक रेडियोथेरेपी

उपशामक रेडियोथेरेपी का उपयोग उस स्थिति में किया जाता है जब किसी भी उपचार के विकल्प के साथ इलाज संभव नहीं होता है. उपशामक रेडियोथेरेपी का उद्देश्य कैंसर से होने वाले लक्षणों को नियंत्रित करना है. लक्षणों में दर्द, रक्तस्राव, खांसी, रुकावट, कैंसर के कारण अस्‍थिभंगन आदि शामिल हो सकते हैं.

रेडियोथेरेपी के लिए एक बार निर्णय लेने के बाद क्या होता है?

रेडियोथेरेपी आयोजना (बाह्य किरणपुंज थेरेपी)

एक बार जब डॉक्टर ने रेडियोथेरेपी देने का फैसला ले लिया है और मरीज उपचार के लिए सहमति दे देता है, तो रेडियोथेरेपी आयोजना की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

मोल्ड रूम

रेडियोथेरेपी सटीक और अचूक होने के लिए, मरीज को उपचार के हर दिन एक ही स्थिति में होना चाहिए. यह स्थिति निकटतम मिलीमीटर तक बहुत सटीक होनी चाहिए. इसे प्राप्त करने के लिए, विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है ताकि मरीज इलाज के दौरान काफी शांत रहे.

आमतौर पर शरीर के ऊपरी भाग का इलाज करवाने वाले मरीजों के लिए लिए सामान्‍यतया एक थर्माप्लास्टिक मास्क का उपयोग किया जाता है. निर्वात उत्पन्न बैग, फोम तकिये, पैड, मुंह संक्षारण आदि का उपयोग किया जाता है. उपयोग की जाने वाली सटीक वस्तु का निर्णय डॉक्‍टर द्वारा किया जाता है और इसे मोल्ड रूम में तैयार किया जाता है.

रेडियोथेरेपी योजना स्कैन

एक बार मोल्ड रूम प्रक्रिया पूरी होने के बाद, मरीज को स्कैनिंग रूम में ले जाया जाता है और सीटी या पीईटी-सीटी स्‍कैन की योजना बताने हुए रेडियोथेरेपी की जाती है. यह स्‍कैन मरीज के उसी स्‍थिति में लेटे रहने पर किया जाता है जिस स्‍थिति में वह उपचार के दौरान रहता है. यह स्‍कैन डॉक्‍टर को इलाज के क्षेत्रों को निश्‍चित करने में समर्थ बनाता है और इलाल करने के लिए आवश्‍यक है. कभी-कभी इस प्रक्रिया में एमआरआई स्‍कैन भी किया जाता है.

परिमाण समोच्‍चरेखण (वॉल्यूम कंटूरिंग)

समरेखण स्कैन पूरा हो जाने के बाद, डॉक्टर फिर विशिष्‍ट सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके स्कैन पर इलाज किए जाने वाले क्षेत्र को परिभाषित करेगा.

रेडियोथेरेपी भौतिकी

जब डॉक्टर द्वारा समोच्चरेखण (कंटूरिंग) का कार्य पूरा हो जाता है, तो रेडियोथेरेपी भौतिकी टीम उपचार की योजना के साथ आगे बढ़ती है. इसे अति उन्नत रेडियोथेरेपी योजना प्रणालियों की सहायता से किया जाता है. एक अच्छी योजना का उद्देश्य कैंसर के आसपास की सामान्य संरचनाओं और अंगों को संभव न्यूनतम खुराक (डोज) देते हुए कैंसर के लिए रेडियोथेरेपी की खुराक को अधिकतम करना है. एक बार योजना पूरी हो जाने के बाद सटीकता की जांच करने के लिए गुणवत्ता आश्वासन परीक्षण किया जाता है.

यदि उपर्युक्‍त सब कुछ ठीक चलता है, तो इलाज शुरू हो जाता है. रेडियोथेरेपी से उपचार करने के निर्णय और उपचार की शुरुआत के बीच न्यूनतम 2-3 दिनों की आवश्यकता होती है.

रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभाव

रेडियोथेरेपी उपचार किए जा रहे शरीर के क्षेत्र के आधार पर विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) उत्‍पन्‍न कर सकती है.

सामान्य दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) हैं जो अधिकांश रेडियोथेरेपी उपचारों के मामले में हो सकते हैं. शरीर के विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ विशिष्ट दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) नीचे दिए गए हैं. जब उपचार के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) के बारे में बात की जा रही हो तो यह समझा जाना चाहिए कि सभी मरीजों को ये दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) नहीं होते हैं, और कुछेक मरीजों में एक ही उपचार के लिए दूसरे मरीजों की तुलना में अधिक दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) हो सकते हैं.

सामान्‍य दुष्प्रभाव

थकान

उपचार शुरू होने के कुछ हफ़्तों के बाद शुरू हो जाती है और उपचार पूरा होने के कुछेक हफ़्ते बाद दूर हो जाती है.

त्वचा में परिवर्तन

शरीर के जिस भी हिस्से का इलाज किया जाता है, त्वचा उपचार के दायरे में होती है और उस पर कुछ दुष्प्रभाव (साइड इफेक्‍ट्स) पड़ेंगे. ये प्रभाव अल्‍पाविधक उपचारों के लिए कम से कम और कई हफ्तों तक चलने वाले उपचारों के लिए अधिक होते हैं.

सामान्‍य प्रभावों में त्वचा की शुष्‍कता, त्वचा में खुजली, त्वचा की लालिमा, कभी-कभी त्वचा का फटना, बालों का झड़ना, त्वचा विवर्णता, त्वचा का मोटा होना आदि शामिल हैं. विरले ही त्वचा से स्राव दिखाई देता है.

उपचार पूरा होने के कुछ सप्ताह बाद इनमें से अधिकांश त्वचा प्रभाव कम हो जाएंगे. त्वचा विवर्णता को ठीक होने में कुछ महीने लगते हैं.

बालों का झड़ना

रेडियोथेरेपी के कारण उपचारित क्षेत्र में बाल झड़ सकते हैं. आमतौर पर, बाल वापस उगते हैं, लेकिन रेडियोथेरेपी की उच्च खुराक का उपयोग करने पर पूरी तरह से विकसित नहीं हो सकते.

अन्य दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट्स) जो उपचार किए जा रहे क्षेत्र के लिए विशिष्ट हैं, वेबसाइट के अन्य खंडों में सूचीबद्ध हैं.