Why do you need to know about Cancer?

हमें कैंसर के बारे में जानने की जरूरत क्यों है?

कैंसर 21वीं सदी का रोग है। हाल के ‘ग्लोबोकन 2018’ के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1 करोड़ और अस्सी लाख ऐसे नए मरीज थे, जिन्हें 2018 में कैंसर था। इन नए कैंसर मरीजों में से लगभग 50% एशिया में थे। यह अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 20% पुरुष और लगभग 16% महिलाएं अपने जीवनकाल में कैंसर से ग्रस्त होंगी। ऐसा अनुमान है कि पश्चिमी देशों के लोगों में कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।भारत में पश्चिमी दुनिया की तुलना में कैंसर की दर कम है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष के दौरान लगभग 11 लाख कैंसर के नए मरीज थे। लेकिन देश में जनसंख्या की बढ़ती जीवन प्रत्याशा (आयु-संभाविता) और बदलती सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के कारण ये दर लगातार बढ़ रही है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो व्यक्ति के अपने जीवनकाल में उसे कैंसर होने की संभावना साल-दर-साल बढ़ती जा रही है और इसलिए इस बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी होना जरूरी है, जैसे कि यह क्या है, यह कैसे होता है, हम कैसे इससे बच सकते हैं, शुरुआत में ही हम कैसे इसका जल्दी से पता लगा सकते हैं ताकि इसे ठीक किया जा सके और साथ ही अगर यह किसी को हो जाता है तो उसका इलाज क्या है।

यह देखते हुए कि कैंसर लगातार बढ़ रहा है, तो हमें इसके लिए क्या करना चाहिए? क्या हम सामान्य रूप से जीवन जीते रहें और केवल तभी सक्रिय हों जब इसके होने की खबर लग जाए या भविष्य में हमें यह रोग न हो, इसलिए इसके बारे में अधिक जानकार और जागरूक बनने के लिए कदम उठाएं ताकि इसके होने के खतरे को कम किया जा सके। उदाहरण के लिए, आइए, हम तूफान या चक्रवात की कल्पना करें। हमें क्या करना होगा? खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए हम सभी आवश्यक सावधानी बरतते हैं। सरकार और सभी संबंधित एजेंसियां तत्काल बचाव कार्य करती हैं तथा जीवन की सुरक्षा करने और क्षति को रोकने के लिए सभी प्रकार के उपाय करती हैं। हमें कैंसर के प्रति भी ऐसा ही दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

कैंसर होने का पता चलना और इसके परिणामों से निपटना, मरीज और उसके परिवार के लिए कई स्तरों पर जैसे कि व्यक्तिगत, सामाजिक, भावनात्मक और वित्तीय स्तर पर चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है। इसे शीघ्र रोकने या शीघ्र ही इसके निदान के लिए कदम उठाना, उन प्रभावों को कम या सीमित कर सकता है।

कई सारे कैंसरों को स्वस्थ जीवन जीते हुए उसी प्रकार से रोका जा सकता है, जैसे हम हृदय रोग, मधुमेह आदि के खतरे को रोकने के लिए करते हैं। यह जानकर हैरानी हो सकती है, कि इनमें से कोई भी रोग होने के लिए जोखिम कारक लगभग एक हद तक समान ही होते हैं। कैंसर होने के खतरे को कम करने के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कैंसर की रोकथाम वाले खंड का अध्ययन करें।

प्रारंभिक चरण में पता चलने पर लगभग सभी कैंसर ठीक हो जाने वाले होते हैं। परंतु यह बहुत बार मुश्किल हो सकता है क्योंकि कैंसरों के प्रारंभिक चरण में इनके लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन प्रारंभ में ही कैंसर का पता लगाने के लिए कई कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट उपलब्ध हैं। प्रारंभिक अवस्था में ही कैंसर का पता लगाने के लिए कौन-कौन से सहायक स्क्रीनिंग टेस्ट हैं, यह जानने के लिए ‘कैंसर स्क्रीनिंग’ वाला खंड देखें।

मरीज और उसके परिवार के लिए कैंसर के बारे में यह सब जानना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है कि इसका कैसे पता लगाया जा सकता है, इसकी स्थिति को जानने के लिए कौन-कौन से टेस्ट किए जाते हैं तथा इसके लिए इलाज के विकल्प क्या-क्या हैं। मरीज को कैंसर के किसी भी उपचार के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में एक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इसे साझा निर्णय सहमति कहा जाता है। उपचार को लेकर आगे क्या करना है, इस बारे में निर्णय डॉक्टर द्वारा मरीज और परिवार के साथ संयुक्त रूप से लिया जाता है ताकि मरीज और परिवार को ऐसे उपचार से होने वाले फायदे या जोखिम के बारे में पूरा पता हो। यह अवधारणा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि, कैंसर के उपचार में बहुत बार, उपचार के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं और ऐसे में जिस विकल्प का चयन करना है, वह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि परिणाम, दुष्प्रभाव, लागत, उपचार की अवधि, व्यक्तिगत कारक आदि। इसलिए उपचार की योजना बनाते समय हमेशा एक सुविज्ञ (जानकारी पूर्ण) विकल्प की अनुशंसा की जाती है, क्योंकि हर मरीज के लिए एक ही विकल्प उपयुक्त नहीं हो सकता है।

मैं यह कहते हुए अपनी बात समाप्त करना चाहूंगा कि इस रोग के बारे में कुछ जानकारी रखना हम सबके लिए महत्वपूर्ण है और इसके साथ ही हम आशा करते हैं कि इस वेबसाइट के जरिए आपको उतनी जानकारी अवश्य मिल जाएगी जो आपको कैंसर के बारे में जानने के लिए जरूरी है।