न्यूरोब्लास्टोमा
न्यूरोब्लास्टोमा बच्चों में होने वाला एक दुर्लभ (बिरले होने वाला) कैंसर है, जो आमतौर पर बहुत ही छोटे बच्चों यानी 5 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों में होता है। यह शिशुओं में होने वाला सबसे आम ठोस ट्यूमर है। यह न्यूरोब्लास्ट नामक एक प्रकार की कोशिकाओं से शुरू होता है, जो तंत्रिका शिखाओं में मौजूद होती हैं। ट्यूमर शरीर में तंत्रिका शिखाओं के किसी भी हिस्से से हो सकता है लेकिन यह अधिकांशतः पेट में और वह भी विशेष रूप से अधिवृक्क ग्रंथि में होता है।न्यूरोब्लास्टोमा के विकास के जोखिम कारकों में ऐसे रोग वाला पारिवारिक इतिहास, आनुवंशिक विकार जैसे कि न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 1, बेकविथ-विडमैन सिंड्रोम, ली-फ्रामेनी सिंड्रोम और कोस्टेलो सिम्ड्रोम शामिल हैं।न्यूरोब्लास्टोमा के लक्षणों की बात करें, तो इसमें पेट में एक मांस-पिंड (गांठ) का होना शामिल है, जिससे परेशानी या दर्द होता है। अगर यह शरीर के अन्य भागों में फैल गया है, तो बुखार हो सकता है, वजन में कमी हो सकती है और अगर यह हड्डियों में फैल गया है, तो विकास रुक जाता है और दर्द होता है।
कैंसर के निदान की जांचों में प्राथमिक ट्यूमर को देखने तथा शरीर के अन्य भागों में कैंसर के फैलने को जानने के लिए एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे परीक्षण किए जाते हैं। अन्य परीक्षणों में हड्डियों में फैले कैंसर की जांच के लिए अस्थि स्कैन, आयोडीन 123-एमआईबीजी स्कैन तथा अस्थि मज्जा बायोप्सी शामिल हैं। एमवाईसीएन जीन को देखने के लिए जेनेटिक परीक्षणों से यह बात निर्धारित करने में मदद मिलती है कि ट्यूमर तेजी ये बढ़ रहा है, या धीरे से।
एक न्यूरोब्लास्टोमा की स्टेजिंग निम्नानुसार है।
स्टेज 1 और 2 | कैंसर बिना किसी और शारीरिक भाग में फैले एक क्षेत्र तक ही सीमित होता है। |
स्टेज 3 | कैंसर आस-पास की संरचनाओं में फैल गया है लेकिन दूर के भागों में नहीं। |
स्टेज 4 | कैंसर शरीर के दूरस्थ भागों में भी फैल गया होता है। |
स्टेज 4S | यह स्टेज 1 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं तक सीमित है, जिसमें प्राथमिक ट्यूमर होता है, जिसे सर्जरी करके निकाला जा सकता है तथा इसमें मेटास्टेस होते हैं, जो यकृत, त्वचा और अस्थि मज्जा तक सीमित होते हैं। |
एक न्यूरोब्लास्टोमा का उपचार रोग-निर्णय पर कैंसर के स्टेज और जोखिम पर निर्भर करता है। इसके अलावा, उम्र, स्वास्थ्य और रोगों के जोखिम समूह उपचार रणनीति का निर्धारण करने में भूमिका निभाते हैं। उपचार के विकल्पों में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी शामिल हैं। उन रोगियों में जिनमें कैंसर केवल एक क्षेत्र तक सीमित है, उनमें कम जोखिम वाली सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है। अन्य कम जोखिम वाले रोगियों में, सर्जरी और कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। ऐसे रोगियों में जिनमें कैंसर बहुत बढ़ गया होता है, पहले कीमोथेरेपी फिर सर्जरी की जा सकती है। स्टेज 4S वाले रोगियों में केवल अवलोकन (देख-रेख) एकमात्र विकल्प हो सकता है। यदि कीमोथेरेपी की जाती है, तो चयनित दवाओं में सिस्प्लैटिन या कार्बोप्लाटिन, डोक्सोरूबिसिन, ईटोपोसाइड और साइक्लोफ़ोसामाइड शामिल हो सकती हैं।
मध्यम जोखिम वाले न्यूरोब्लास्टोमा पीड़ित बच्चों में आमतौर पर कीमोथेरेपी और सर्जरी का संयोजन दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद या पहले कीमोथेरेपी की जा सकती है।
उच्च जोखिम वाले न्यूरोब्लास्टोमा पीड़ित बच्चों में उपचार के विकल्पों में कीमोथेरेपी, सर्जरी, रेडियोथेरेपी के साथ-साथ स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद बड़े स्तर पर कीमोथेरेपी शामिल है। उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए उपचार अधिक आक्रामक है और इसे प्रेरण, समेकन और रखरखाव चरणों में विभाजित किया जा सकता है। उपर्युक्त सभी विकल्प एक ही रोगी के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। इसके अलावा, डिनुक्सिमाब के साथ जैविक चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है।