भग कैंसर

भग कैंसर

भग

भग महिला जननांग पथ का बाहरी हिस्सा है। इसमें दो ओष्‍ठ होते हैं जिन्हें लेबिया मेजारा और लेबिया मिनोरा कहा जाता है। योनि और मूत्रमार्ग भग में खुलते हैं। भग में एक भग शिश्‍निका भी होती है।

भग कैंसर

भग कैंसर वह कैंसर है जो भग में शुरू हुआ है। यह एक दुर्लभ कैंसर है और आमतौर पर 65 वर्ष की आयु के बाद होता है। भग कैंसर समय की अवधि में बढ़ता है। भग क्षेत्र की सामान्य कोशिकाएं पूर्व कैंसर की स्थिति में बदल जाती हैं, जिसे VIN ( भग अंत:उपकला लसजालिका / Vulval intraepithelial neoplasia) कहा जाता है, इससे पहले कि और अधिक परिवर्तन कैंसर में बदल जाए। VIN का त्‍वरित उपचार भग कैंसर के खतरे को कम करता है।

भग कैंसर मुख्य रूप से लेबिया मेजरा और मिनोरा के आसपास होता है, लेकिन मूलाधार (पेरिनेम) सहित योनी के अन्य क्षेत्रों में भी हो सकता है जो योनि और गुदा के बीच का क्षेत्र है।

भग कैंसर में कुछ जोखिम कारक हैं जो नीचे सूचीबद्ध हैं। जोखिम कारक वह होता है जो कैंसर होने का जोखिम बढ़ाता है।

एचपीवी (HPV)

एचपीवी का मतलब है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस। यह एक वायरस है जो एचपीवी संक्रमण का कारण बन सकता है। यह एक यौन संचारित संक्रमण है और बहुत आम है। एचपीवी संक्रमण, भग अंत:उपकला लस-जालिका (Vulval intraepithelial neoplasia) (VIN), जो कैंसर-पूर्व स्थिति है, और भग कैंसर के विकास के लिए एक जोखिम कारक है। एचपीवी संक्रमण से गर्भाशय ग्रीवा, योनि, गुदा और गले के कैंसर भी हो सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एचपीवी वायरस से संक्रमित लोगों का केवल एक छोटा हिस्सा इन कैंसरों को विकसित करता है। एचपीवी संक्रमण रोधी टीकाकरण अब उपलब्ध है।

धूम्रपान

भग कैंसर के विकास के लिए धूम्रपान एक ज्ञात जोखिम कारक है।

अन्‍य अवस्‍थाएं

भग अपविकास और लाइकेन स्केलेरोसिस जैसे भग के रोग, भग कैंसर के विकास के लिए जोखिम कारक हो सकते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने वाले रोग जैसे एचआईवी और एड्स जोखिम कारक हो सकते हैं।

भग कैंसर लक्षणों की एक श्रृंखला प्रस्‍तुत कर सकता है जो नीचे सूचीबद्ध हैं।

भग कैंसर से जुड़े सामान्य लक्षणों में लेबिया मेजरा, लेबिया मिनोरा, भग शिश्‍निका या मूलाधार (पेरिनेम) जैसे भग क्षेत्र में अल्सर या गांठ की उपस्थिति शामिल है। द्रव्यमान कठोर या मांसल हो सकता है। कमर के क्षेत्र में महसूस की गई गांठ भी भग कैंसर का एक लक्षण हो सकती है। कभी-कभी एक सपाट और मोटा क्षेत्र प्रस्‍तुति विशेषता हो सकती है।

संबंधित लक्षण हो सकते हैं जैसे कि रक्तस्राव, क्षेत्र में खुजली या पेशाब या शौच करने में असुविधा। खुजली के लक्षण गैर-कैंसर की स्थिति जैसे कि भग अपविकास या अन्य त्वचा की स्थिति में भी मौजूद होते हैं।

अधिक उन्नत बीमारी वाले मरीज कमर जैसे अन्य क्षेत्रों में अल्सर, भूख न लगने और वजन कम होने के लक्षण उत्‍पन्‍न कर सकते हैं।

उपरोक्त लक्षणों में से किसी की उपस्थिति आपको जांच के लिए डॉक्‍टर से मिलने और आगे के परीक्षणों के लिए सतर्क करती है।

जॉंच

भग में असामान्यताएं देखने के लिए डॉक्टर द्वारा गहन जांच की जाती है यदि कोई भग कैंसर के लक्षण या सुझाव हैं। जॉंच में मैग्‍निफाइंग ग्‍लास या कोलपोस्कोप की सहायता ली जाती है। यदि कोई संदिग्ध क्षेत्र दिखाई देता है तो बायोप्सी ली जा सकती है।

बायोप्सी एक भग अंत:उपकला लस-जालिका (Vulval intraepithelial neoplasia) (VIN) या एक भग कैंसर या एक सुदम्‍य (बिनाइन) स्थिति दिखा सकती है। यदि बायोप्सी पर भग कैंसर का निदान किया जाता है, तो स्‍टेजिंग प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आगे के परीक्षणों की आवश्यकता होगी।

सीटी स्‍कैन या पीईटी-सीटी स्‍कैन

सीटी स्कैन एक स्कैन है जो शरीर के अंदर की विस्तृत छवियां प्राप्त करने के लिए किया जाता है। शरीर के अन्‍य भागों में कैंसर के फैलाव की जांच करने में सीटी स्‍कैन के स्‍थान पर पीईटी-सीटी किया जाता है जो अधिक विस्‍तृत जानकारी दे सकता है। पीईटी-सीटी एक सीटी स्कैन है, लेकिन स्‍कैन करने के पहले मरीज में FdG नामक अतिरिक्त रेडियोधर्मी डाई इंजेक्ट की जाती है। इनमें से किसी भी स्कैन का उपयोग किया जा सकता है।

किसी कैंसर को उसके आकार, उसके उत्‍पत्‍ति स्थल से फैलाव क्षेत्र और उसके आसपास की अन्य संरचनाओं के जुड़ाव के आधार पर एक स्‍टेज दिया जाता है। TNM वर्गीकरण या संख्‍या स्टेजिंग प्रणाली के अनुसार स्‍टेज का निर्धारण किया जा सकता है। संख्या प्रणाली सभी कैंसरों को स्‍टेज 1 से स्‍टेज 4 तक स्‍टेज प्रदान करती है जहां स्‍टेज 1 प्रारंभिक कैंसर है और स्‍टेज 4 उन्नत कैंसर है। कैंसर के स्‍टेज को जानने से डॉक्टरों को सबसे उपयुक्त उपचार के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलती है।

भग कैंसर के लिए भी TNM और संख्‍या स्टेजिंग प्रणाली के अनुसार स्‍टेज निर्धारित किया जाता है और नीचे सूचीबद्ध किया गया है।

TNM स्‍टेजिंग

TNM का अर्थ ट्यूमर, नोड और मेटास्टेस है।

T स्‍टेजिंग

T स्‍टेज FIGO स्‍टेज संख्‍या स्‍टेज का विवरण
Tis स्‍व-स्‍थाने कार्सिनोमा (प्रसार-पूर्व कैंसर)
T1 1 ट्यूमर भग तक सीमित है
T2 2 आसन्न संरचनाओं में फैला किसी भी आकार का ट्यूमर
T2 3 आसन्न संरचनाओं में विस्तार के साथ या बिना किसी भी आकार का ट्यूमर और वंक्षण लिम्फ नोड्स का जुड़ाव
T3 4a टी 2 की तुलना में और विस्तार के साथ किसी भी आकार का ट्यूमर या मूत्राशय, मलाशय या श्रोणि हड्डी का जुड़ाव
4b पैल्विक लिम्फ नोड्स के जुड़ाव सहित कोई भी दूरस्‍थ फैलाव

N स्‍टेजिंग

N स्‍टेज FIGO स्‍टेज संख्‍या
N0 लिम्फ नोड्स का कोई जुड़ाव नहीं
N1 3a 5 मिमी से कम आकार के 1 से 2 लिम्फ नोड्स या 5 मिमी से अधिक एक लिम्फ नोड
N2 3b-3c 5 मिमी से अधिक आकार के 2 या अधिक नोड्स या 5 मिमी से कम आकार के तीन या अधिक नोड्स या उनके बाहर फैलने के साथ नोड्स
N3 4a लिम्फ नोड्स जो निश्चित या अल्सर जैसे होते हैं

M स्‍टेज

M0 कैंसर का कोई दूरस्‍थ फैलाव नहीं
M1 दूरस्‍थ मेटास्टेस की उपस्थिति जिसमें सकारात्मक श्रोणि लिम्फ नोड्स (इन नोड्स में कैंसर) शामिल हैं)

भग कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न विकल्पों में सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी शामिल हैं।

सर्जरी

सर्जरी भग कैंसर के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिस प्रकार की सर्जरी का उपयोग किया जाता है वह निदान पर रोग की अवस्था पर निर्भर करता है।

व्‍यापक उच्‍छेदन

यह बहुत प्रारंभिक भग कैंसर (स्टेज 1A) के लिए उपयोग की जाने वाली सर्जरी का एक प्रकार है। यहां सामान्य भग के अच्छे मार्जिन के साथ कैंसर को निकाला जाता है। भग कैंसर आमतौर पर कमर और जांघ के ऊपरी हिस्से में लिम्फ नोड्स में फैल सकता है, लेकिन स्टेज 1A भग कैंसर में इस फैलने का खतरा कम होता है। इसलिए, लिम्फ नोड्स को हटाया नहीं जाता है और केवल एक विस्तृत उच्‍छेदन पर्याप्त होता है।

व्‍यापक उच्‍छेदन को भग अंत:उपकला लसजालिका (Vulval intraepithelial neoplasia) (VIN) के लिए एक उपचार विकल्प के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जो एक प्रारंभिक स्थिति है। यहाँ पर आस-पास के सामान्य भग के मार्जिन के साथ-साथ असामान्य क्षेत्र का भी उच्‍छेदन किया जाता है।

समूल भगोच्‍छेदन (Radical Vulvectomy)

यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जहां या तो एक तरफ (कमर और ऊपरी जांघ) या दोनों तरफ लिम्फ नोड्स के साथ पूरे भग को निकाल दिया जाता है। सर्जरी की सीमा भग और लिम्फ नोड्स में बीमारी के विस्तार और प्रसार पर निर्भर करती है। कुछ स्थितियों में, आंशिक भगोच्‍छेदन या अर्ध भगोच्‍छेदन पर्याप्त हो सकता है। कुछ केंद्र लिम्फ नोड विच्छेदन (निकालने) करने से पहले सेंटिनल नोड बायोप्सी नामक एक प्रक्रिया कर सकते हैं।
भग कैंसर के लिए सर्जरी के संभावित दुष्प्रभावों में पैरों के लिम्फोएडेमा शामिल हैं, जहां कमर के लिम्फ नोड्स को निकाल दिए जाने के बाद पैरों की सूजन होती है। यह कुछ समय बीतने के बाद कम हो जाता है लेकिन कुछ रोगियों में लगातार रह सकता है। अन्य दुष्प्रभावों में भग के आसपास घाव भरने में देरी, योनि के चारों ओर स्‍कार ऊतक का बनना जो योनि को संकुचित करता है, शामिल हैं।

उन्‍नत भग कैंसर में सर्जरी

उन्नत भग कैंसर में, जब मूत्राशय, मलाशय, गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय जैसे आस-पास के अंगों में कैंसर का फैलाव है, तो इन संरचनाओं को निकालने में मदद के लिए सर्जरी का विस्तार किया जाता है। कुछ उदाहरणों में, एक्‍सेन्‍टेरशन नामक प्रक्रिया की जाती है, जहां बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए श्रोणि में सभी संरचनाओं को निकाला जाता है।

रेडियोथेरेपी

रेडियोथेरेपी भग कैंसर में उपचार का एक विकल्प है। रेडियोथेरेपी का प्रयोग कुछ रोगियों में सर्जरी के बाद सहायक उपचार के रूप में किया जाता है। किसे रेडियोथेरेपी की आवश्यकता है, यह सर्जरी के बाद के परिणामों पर निर्भर करता है। इनमें आमतौर पर कैंसर से जुड़े लिम्फ नोड्स वाले मरीज़ शामिल होते हैं, जिन मरीज़ों में ट्यूमर का आकार 4 सेमी से अधिक बड़ा होता है या जिन मरीज़ों में मार्जिन नज़दीक या कैंसर में निहित होता है। अकेले रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी के साथ रेडियोथेरेपी इस सेटिंग में एक विकल्प है।

कीमोथेरेपी के साथ संयुक्त रेडियोथेरेपी उन्नत कैंसर वाले रोगियों के लिए उपचार का एक विकल्प है जिसमें सर्जिकल निष्‍कासन संभव नहीं है। कीमो-रेडियोथेरेपी उपचार 5-7 सप्‍ताह की अवधि में दिया जाता है, जिसमें रेडियोथेरेपी सप्ताह में 5 दिन की जाती है और कीमोथेरेपी सप्ताह में एक बार दी जाती है।

रेडियोथेरेपी के साइड इफेक्ट में थकान, योनि के आसपास त्वचा की लालिमा और खराश, पेशाब करते समय कुछ जलन महसूस होना, दस्त और लिम्फोएडेमा शामिल हैं। रेडियोथेरेपी योनि क्षेत्र में प्रच्‍छानन (स्‍कैरिंग) हो सकता है जिससे उसमें संकीर्णन हो सकता है और उपचार के बाद विस्‍फारक का उपयोग करने से इस दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

कीमोथेरेपी

भग कैंसर में कीमोथेरेपी उपचार का उपयोग कीमोरेडियोथेरेपी के भाग के रूप में रेडियोथेरेपी के साथ किया जाता है। यहां कीमोथेरेपी सिस्प्लैटिन (सबसे आम), 5- फ्लूरोरासिल और मिटोमाइसिन जैसी दवाओं के साथ है। जब सिस्प्लैटिन का उपयोग किया जाता है, तो इसे 5-6 सप्ताह के लिए सप्ताह में एक बार दिया जाता है।

बहुत उन्नत कैंसर, आमतौर पर स्‍टेज 4b वाले रोगियों में कीमोथेरेपी का उपयोग स्वयं किया जाता है। यहां उपचार का उद्देश्य बीमारी और लक्षणों को ठीक करने के बजाय नियंत्रित करना है। यहां सामान्‍यत: इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में कार्बोप्लाटिन और पैक्लिटैक्सेल शामिल हैं।