Chemotherapy Lines

कीमोथेरेपी लाइनें

सामान्‍यतया, कीमोथेरेपी हाथ के पीछे या प्रबाहु पर एक नस में दी जाती है. ऐसी स्थितियों में, जहां नसों के मिलने में कठिनाई होती है या जब कीमोथेरेपी का कोर्स लंबा होता है या जब कीमोथेरेपी के निरंतर फाण्‍ट (infusion) की आवश्यकता होती है, तो उपचार को आसान बनाने के लिए एक केंद्रीय लाइन डाली जाती है. विभिन्न प्रकार की लाइनें हैं जिनका उपयोग सकता है और इन्हें नीचे वर्णित किया गया है.

पीआईसीसी लाइन

पीआईसीसी लाइन (परिधीय रूप से डाली गई केंद्रीय लाइन) एक लंबी और संकीर्ण ट्यूब होती है जिसे भुजा में एक नस में डाला जाता है. लाइन का शिरा हृदय के ऊपर छाती (SVC) की बड़ी नसों में होती है. दूसरा छोर शरीर के बाहर होता है और इसका उपयोग दवाओं को नियंत्रित करने और रक्त के नमूने लेने के लिए किया जा सकता है.

लाइन किसी अंतर-शिरा रेडियोलॉजिस्ट या संवहनी (वैस्कुलर) सर्जन या विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्स द्वारा डाला जाती है. बिना किसी दर्द के लाइन डालने में सहायता के लिए एक स्थानीय निश्‍चेतक (एनेस्‍थीसिया) का उपयोग किया जाता है.

पीआईसीसी लाइन को इलाज के लिए आवश्यकतानुसार लंबे समय तक छोड़ा जा सकता है. उपयोग में नहीं होने पर भी लाइन को सप्ताह में एक बार प्रक्षालित (फ्लश) किया जाना चाहिए.

पीआईसीसी लाइन के परिणामस्वरूप निम्नलिखित जटिलताएं उत्‍पन्‍न हो सकती हैं और उनके बारे में अपने डॉक्‍टर से संपर्क करना आवश्‍यक होता है.

  • रक्‍तस्राव
  • लाइन स्‍थल के चारों के आस-पास लालिमा और दर्द
  • पीआईसीसी लाइन आंशिक रूप से या पूरी तरह से बाहर आ गई है या ढीली है और लटक रही है
  • अस्वस्थ महसूस करना या बुखार होना

हिकमैन या ग्रोशांग टनेल्‍ड लाइन

यह एक अन्य प्रकार की केंद्रीय लाइन है जहां एक छोर हृदय के ऊपर छाती (SVC) की बड़ी नस में होता है और दूसरा छोर ऊपरी छाती की त्वचा से बाहर लटका होता है; लाइन का एक छोटा सा खंड होता है जो दो छोरों के बीच की त्वचा के नीचे सुरंगित किया गया होता है.

यह लाइन किसी अंतर-शिरा रेडियोलॉजिस्ट या संवहनी (वैस्कुलर) सर्जन या विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्स द्वारा डाला जाती है.

पीआईसीसी लाइन को इलाज के लिए आवश्यकतानुसार लंबे समय तक छोड़ा जा सकता है. सप्ताह में एक बार प्रक्षालित (फ्लश) किया जाना चाहिए. इस लाइन के लिए जटिलताओं में शामिल हैं:

  • लाइन स्‍थल पर संक्रमण
  • नस में संक्रमण
  • लाइन जो बाहर निकली हो या टूटी हो
  • लाइन के चारों ओर थक्का जमना

कीमो पोर्ट

कीमो पोर्ट भी एक केंद्रीय नस है जो हृदय के ऊपर छाती की बड़ी नस में डाली जाती है. एक केमो पोर्ट और अन्य लाइनों के बीच का अंतर यह है कि लाइन का दूसरा छोर त्वचा के माध्यम से बाहर लटका नहीं है. इसके बजाय, अंत में एक पोर्ट है जो गोल है और त्वचा के नीचे रखा गया है. इसे बाहर से नहीं देखा जा सकता है लेकिन छाती के ऊपरी भाग पर हाथ रखने पर इसे महसूस किया जा सकता है. पोर्ट में एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां रक्त लेने या कीमोथेरेपी देने के लिए एक सुई डाली जा सकती है. यह पोर्ट सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट या संवहनी (वैस्कुलर) सर्जन द्वारा मरीज में डाला जाता है.

चूंकि पोर्ट के दोनों छोर मरीज के अंदर होते हैं, इसलिए इस तरह की लाइन से संक्रमण का खतरा कम होता है. हालांकि, जटिलताएं अभी भी हो सकती हैं और इसमें शामिल हैं:

  • संक्रमण
  • नस में थक्‍का बनना
  • लाइन का टूटना या तड़कना